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Review : Alia Bhatt’s Jigra | समीक्षा: आलिया भट्ट की ‘जिगरा’

Review : Alia Bhatt’s Jigra – A tedious watch

 

समीक्षा: आलिया भट्ट की ‘जिगरा’ – एक बोरिंग अनुभव

फिल्म का नाम: जिगरा
रिलीज़ की तारीख: 11 अक्टूबर, 2024
कलाकार: आलिया भट्ट, वेदांग रैना, मनोज पाहवा, राहुल रविंद्रन, और अन्य
निर्देशक: वासन बाला
निर्माता: करण जौहर, आलिया भट्ट, अपूर्व मेहता, शाहीन भट्ट और सोमन मिश्रा
संगीत निर्देशक: आचिंत ठाकुर और मनप्रीत सिंह
सिनेमाटोग्राफर: स्वप्निल एस. सोनावने
संपादक: प्रेरणा सैगल

Trailer:

उच्च उम्मीदों के बीच, आलिया भट्ट की नई फिल्म ‘जिगरा’ आज थिएटर में प्रदर्शित हुई। एक तेलुगु संस्करण भी रिलीज़ हुआ है, और हम इसके मनोरंजन मूल्य पर अपने विचार साझा कर रहे हैं।

कहानी:
सत्यभामा आनंद (आलिया भट्ट) अपने छोटे भाई, अंकुर आनंद (वेदांग रैना) की fiercely रक्षा करती है। वह और उसका चचेरा भाई हंसी दाओ, मलेशिया, अपने अध्ययन के लिए यात्रा करते हैं। दुर्भाग्यवश, अंकुर को उसके चचेरे भाई की जगह ड्रग्स के मामले में गलत तरीके से दोषी ठहराया जाता है और उसे मौत की सजा सुनाई जाती है। वह एक उच्च-सुरक्षा जेल में imprisoned है जहां कानून सख्त है। अपने भाई की दयनीय स्थिति से अवगत, आलिया भारत वापस लाने के लिए दृढ़ निश्चय करती है। देश पहुंचने पर, वह भाटिया (मनोज पाहवा) से मिलती है, जो एक retired गैंगस्टर है और जिसका बेटा भी कैद है। उन्हें मदद मिलती है मुथु (राहुल रविंद्रन) से, जो एक पूर्व पुलिसकर्मी है। मिलकर, वे एक जेल ब्रेक योजना बनाते हैं, जबकि अंकुर और उसके साथी कैदी भी भागने की योजना बनाते हैं। इसके बाद क्या होता है? क्या उनकी योजना सफल होती है? क्या सत्यभामा अपने भाई को बचाने में सफल होती है? फिल्म इन सवालों के जवाब देती है।

प्रमुख विशेषताएँ:
आलिया भट्ट एक साहसी बहन के रूप में शानदार प्रदर्शन करती हैं, उनके एक्सप्रेशन्स खासतौर पर फिल्म के क्लाइमेटिक एक्शन दृश्यों में चमकते हैं।
वेदांग रैना अपनी भूमिका को ठीक से निभाते हैं, और मनोज पाहवा और राहुल रविंद्रन कुल मिलाकर कहानी में अच्छी भूमिका निभाते हैं।

खामियाँ:
जो दर्शक आकर्षक कहानी की तलाश में हैं, ‘जिगरा’ अपनी पूर्वानुमानित कहानी के साथ निराश करती है। ट्रेलर से परिचित लोग फिल्म में कुछ नया नहीं पाएंगे। गति धीमी है, और भाई-बहन के बीच का भावनात्मक संबंध ठीक से विकसित नहीं हुआ है, जिससे दर्शक और अधिक की उम्मीद कर सकते हैं।
इसके अलावा, फिल्म में यादगार संवाद और रोचक एक्शन दृश्य की कमी है, जिससे इसकी अवधि अनावश्यक रूप से लंबी लगती है। दर्शक शायद क्रेडिट रोल होने का इंतजार करते रहें।

तकनीकी पहलू:
निर्देशक वासन बाला ने एक अधिक आकर्षक कहानी बनाने का महत्वपूर्ण अवसर खो दिया। आलिया भट्ट के नेतृत्व में, उन्होंने एक मजबूत कहानी और पटकथा पर अधिक जोर दिया हो सकता था। लिखाई इस भावनात्मक और एक्शन से

Rating: 2/5

 

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